Water News : बैतूल जिले की ऐसी पंचायत, जो प्रतिदिन नदी को देती है 34 हजार लीटर पानी …..
Water News: Such a panchayat of Betul district, which gives 34 thousand liters of water to the river every day...

आमला से अनिल सोनपुरे
Water News : पानी अतिमहत्वपूर्ण संपत्ति है। इसके बिना मानव और जीवों के जीवन की परिकल्पना असंभव भी है। हमारी दिनचर्या में पानी पीने, निस्तार सहित अन्य कार्यो के लिए उपयोग करते है। निस्तार के रूप में इस्तेमाल पानी व्यर्थ बहा दिया जाता है। लेकिन बैतूल जिले की बोरदेही पंचायत ने निस्तार के रूप में निकलने वाले इस पानी को फिल्टर करके पुन: उपयोगी बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्लांटेड ग्रेवल फिल्टर यूनिट लगाई है। जिसमें प्रतिदिन 34 हजार लीटर गंदे पानी को फिल्टर करके री-यूजेबल बनाया जाता है। बाद में इसी पानी को भैंसाई नदी में छोड़ते है। दरअसल बोरदेही पंचायत ने वर्ष 2022 में 1 लाख 48 हजार की लागत से प्लांटेड ग्रेवल फिल्टर यूनिट बनाई थी। जिसमें गांव के 181 घरों से निकलने वाले निस्तार के पानी को इस प्लांट से जोड़ा गया है। जहां निस्तार के रूप में निकलने वाले गंदे पानी को फिल्टर करके री-यूजेबल बनाया जाता है। खासबात यह है कि इस प्लांट का अवलोकन करने प्रदेश के कई जिलों की टीमें भी आ चुकी है, जिन्होंने प्लांट का अवलोकन कर ग्रे-वॉटर (साफ पानी) बनाने की प्रक्रिया की प्रशंसा की और इसे जल संरक्षित करने का एक अच्छा विकल्प भी बताया है। हाल ही में 2 फरवरी को बड़वानी जिले की 10 सदस्यीय टीम ने इस यूनिट का अवलोकन किया, जबकि विगत वर्ष नरसिंहपुर जिले की 12 सदस्यीय टीम निरीक्षण करने आई थी।

जल बचाने की दिशा में निभा सकती है बड़ा योगदान : प्लांटेड ग्रे वॉटर यूनिट वैसे तो साधन है, लेकिन इस यूनिट के माध्यम से हजारों-लाखों लीटर पानी बचाया जा सकता है या यह कहे कि जल बचाने की दिशा या जल संरक्षण को भी महत्वपूर्ण दिशा दे सकती है। स्वच्छ भारत मिशन के ब्लाक समन्वयक विमल बचले ने बताया कि फिल्टर किये गये पानी में प्रदूषण का स्तर कम होता है। अगर इसमें साबुन और डिटर्जेंट जैसे कोई हानिकारक रसायन न हो तो पानी को सीधे घर के बगीचों में या इसका उपयोग शौचालयों को साफ करने और फ्लश करने के लिए भी किया जा सकता है।

ऐसे काम करती है यह यूनिट : प्लांटेड ग्रेवल फिल्टर यूनिट में घरों से निकलने वाले सीवेज पानी को नालियों के माध्यम से ग्रेवल फिल्टर प्लांट तक पहुंचाया जाता है। यहां अपशिष्ठ पदार्थों को अलग-अलग कर गंदा पानी पुर्ननवीनीकरण की प्रक्रिया के लिए बढ़ता है। इसमें गिट्टी-बालू से होते हुए यह पानी दूसरी ओर से साफ होकर निकलता है। इस तरह की तकनीकी का सूखे के समय में पुनर्नवीकरण से गंदे पानी को ग्रे वॉटर में बदलकर उपयोग किया जा सकता है। पंचायत के सचिव नत्थु नागले ने बताया कि यह जिले की पहली वॉटर फिल्टर प्लांट यूनिट है। जिसमें प्रतिदिन 34 हजार लीटर पानी साफ कर भैंसाई नदी में छोड़ा जाता है।
इनका कहना है –
प्लांटेड ग्रेवल फिल्टर वर्ष 2022 में बनाया गया था। यह जिले की पहली यूनिट है। इसमें प्रतिदिन 34 हजार लीटर पानी को साफ किया जाता है। फिल्टर पानी की जांच पीएचई विभाग से कराने के बाद ही भैंसाई नदी में छोड़ा जा रहा है।
– नत्थु नागले, सचिव, ग्राम पंचायत बोरदेही