Ekadashi: एकादशी पर भूलकर भी ना चढ़ाए तुलसी पर जल
Ekadashi: Do not offer water to Tulsi even by mistake on Ekadashi.
Ekadashi : आज विजया एकादशी हैं। एकादशी पर माता तुलसी के पौधे पर जल नही चढ़ाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि आज जो भी व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करता है म वह दुश्मनों पर विजय प्राप्त करता है। लेकिन एकादशी के दिन यह गलती नही करनी चाहिए। अक्सर लोग सुबह उठकर पूजा करते हैं। तुलसी जी को जल अर्पित करते हैं। एकादशी के दिन तुलसी जी को जल अर्पित करने से परहेज करना चाहिये। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एकादशी पर तुलसी माता भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। ऐसे में तुलसी पर जल अर्पित करने पर तुलसी माता का व्रत टूट सकता है। तुलसी माता को भगवान विष्णु की प्रिय कहा जाता है और इसीलिए विष्णु पूजा में तुलसी की पत्तियां शामिल करते हैं। लेकिन, एकादशी से एक दिन पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़कर रख लेने चाहिए, एकादशी के दिन तुलसी नहीं तोड़नी चाहिए।
सामान्य दिनों में तुलसी को जल अर्पित करते समय इन बातों का रखे ख्याल
1. तुलसी मां को जल देने से भगवान विष्णु की कृपा होती है। तुलसी के पौधे के पौधे में जल चढ़ाते समय से पहले किसी भी तरह का अन्न ना ग्रहण करें। जल अर्पित करने के बाद ही कुछ खाना चाहिए।
2. तुलसी के पौधे में जल चढ़ाने का सही समय सूर्योदय से लेकर उसके 2-3 घंटे बाद तक का होता है। इस समय अवधि में ही तुलसी को जल चढ़ाना सर्वोत्तम माना जाता है।
3. कभी भी रविवार और एकादशी के दिन तुलसी को जल नहीं चढ़ाना चाहिए और ना ही इस दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ना या छूना चाहिए। माना जाता है कि रविवार और एकादशी के दिन दिन तुलसी मां का उपवास रहता है और इन दिनों में उन्हें जल चढ़ाने से उनका व्रत खंडित हो जाता है।
4. तुलसी के पौधे में माता लक्ष्मी का वास माना जाता है, इसलिए जब भी तुलसी की पत्तियां तोड़ें तो हमेशा हाथ जोड़कर उनसे अनुमति ले लें।
5. तुलसी के पौधे की पत्ती कभी भी चाकू, कैंची या नाखून से ना तोड़ें।ऐसा करना अशुभ माना जाता है.
6. कभी भी तुलसी को बिना नहाए या अपवित्र स्थिति में नहीं छूना चाहिए। इससे पूजा का फल नहीं मिलता है। मान्यताओं के अनुसार महिलाओं को तुलसी पूजन करते समय महिलाओं को अपने बालों को खुला नहीं रखना चाहिए।
7. तुलसी में जल अर्पित करते समय तुलसी मंत्र- महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी। आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।।। का जप करे।
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