Bhajan : सांई बाबा का यह भजन मन को कर देगा प्रसन्न

Bhajan : भजन प्रभु की आराधना का एक माध्यम है। यह भक्ति मार्ग को भी प्रशस्त करता है। भजन करने से न सिर्फ मन को शांति मिलती है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती हैं। आसपास के अशुद्ध वातावरण का नाश होता हैं। भजन प्रभु के नाम का जाप करने का सबसे अच्छा माध्यम है। सुबह प्रभु का भजन सुनने से दिनभर सकारात्मक ऊर्जा, मन में शांति, एकाग्रता की अनुभूति होती है। हजारों लाखों लोग सुबह उठ कर सबसे पहले भजन सुनते हैं। सबसे ज्यादा हनुमान चालीसा का पाठ, सुंदरकांड, भगवान शंकर और और अन्य देवी-देवताओ के भजन पसंद करते हैं। वैसे पंचाग के अनुसार गुरुवार का दिन सांई जी को समर्पित है। सांई बाबा की पूजा करने से सभी कष्ट से मुक्ति मिलती है। हम भी सांई बाबा के इस सुंदर भजन से अपने दिन की शुरुआत करते हैं।

Source : Title :- मेरे घर के आगे साईं नाथ तेरा मंदिर बन जाये, Singer-Parash Jain
Lyrics: Parash Jain, Music Sonotek, Label :- Live Sai Bhajan Sonotek
Digital Work – Wilson & Aman Kapruwan

ध्यान को केन्द्रित करने में मदद : भगवान की स्तुति में भजन-कीर्तन, गायन की परंपरा सदियों से चल रही है। भजन के सरल मधुर गीत और राग ध्यान को केन्द्रित करने में मदद करते है। साधक के लिए वह परमात्मा से एक होने का मार्ग है। भजन परमात्मा तक पहुंचने का सबसे अच्छा और आसान तरीका भी है। वैसे भजन से लाभ के बारे में यह भी कहा जाता है कि भजन और मंत्रों को सुनने से कोशिकाओं में गतिविधि बढ़ जाती है। मस्तिष्क सक्रिय होता है जो हमें अधिक विश्लेषणात्मक और चौकस बनाता है, इसलिए ज्यादातर लोग सुबह सुनना पसंद करते हैं।

यह भी भजन सुने : Bhajan : इस भजन से करें दिन की शुरुआत, डमरू वाले बाबा तुमको आना होगा

मानवीय गुणों का निर्माण: भजन मानवीय गुणों के निर्माण में मदद करते हैं। इससे सकारात्मकता आती है। संज्ञानात्मक कार्य में वृद्धि होती है। जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार होता है। मूल रूप से, भजन हमारे परिवेश के बारे में जागरूकता बढ़ाने की क्षमता रखते हैं और कीर्तन का अभ्यास करने से नींद के पैटर्न में सुधार होता है। भजन हमें केवल शांति और आराम देता हैं।
भजन-कीर्तन से बढ़ती है प्रेम-भावना और सह्रदयया : भजन-कीर्तन में तन्मयता से रमते हैं तो इनके मन के भाव निश्छलता से भर जाता है और मन के नकरात्मक भाव दूर होते जाते हैं। भजन कीर्तन इसलिए भी श्रेष्ठ माना गया है, क्योंकि जब भी भक्त में रमकर भजन कीर्तन करते हैं तो ह्रदय में प्रेम-भावना और सह्रदयता को बढ़ता है। वाणी में मधुरता आती है। मन की अवस्था बहुत तेजी से उन्नत हो जाती है. इसके बाद अगर ध्यान किया जाए या प्रार्थना कि जाए तो वह तुरंत पूरी होती है। शरीर को आत्मबल और शक्ति देता है। कीर्तन कोई बौद्धिक योग नहीं है लेकिन इसकी तरंगे जब मन के गहराई में उतरती हैं तो ये शरीर में रोग को दूर करने का काम करता है। भजन और कीर्तन के सही प्रयोग से व्यक्ति को मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिलती है।

 यह भी सुने भजन : Bhajan : मन को मोह लेगा कृष्णा सांवरे का यह भजन

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी, सलाह सहित सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से वास्तविकता पर आधारित नही है। यह जानकारी कुछ सोशल मीडिया Platform से लिए है। dotbetul.com किसी भी तरह से उपरोक्त दी गई जानकारी से वास्तविकता की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। dotbetul इस जानकारी की जिम्मेदारी या दावा स्वीकार नही करता है।
डिस्प्ले : dotbetul.com पर आपको मिलेगी हिंदी में देश-विदेश की ताजा खबरो के अलावा, ट्रेडिंग, मध्यप्रदेश, बैतूल, अन्य राज्य, बिजनेस, मनोरंजन, अपराध, कृषि से जुड़ी खबरे, कृषि उपज मंडी बैतूल के प्रतिदिन के मंडी भाव, जिले के दर्शनीय स्थल, पर्यटन की खबर, हेल्थ टिप्स सहित अन्य GK Question, IQ Question और मजेदार जोक्स।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.